दुनिया आपके बारे में क्या सोचती हैं ये ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है, जो आप अपने बारे में सोचते हैं वो ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।
हर किसी के बस की बात नहीं होती हैं कि वह दुखी मन को सम्भाल पाएं हर मोड़ पर आपको ऐसे व्यक्ति मिल ही जाएंगे जो आपके तरफ़ ऐसे बात करते नज़र आएंगे जिनसे आपके हृदय पर नाकारात्मक असर पड़ता हैं। तब तक आप कभी खुश नहीं रह पाएंगे आपका मन पुरा दिन दुखी ही रहेगा इसलिए आप किसी को भी स्वयं को दुखी करने की इजाजत कभी नहीं देना चाहिए।
प्रकृति ने हमे रास्ता बताया है की दुख तकलीफ़ों के समय रोने, सिर पीटने या डरने के बजाय अपने आप पर, अपने कर्मो पर विश्वास रखिए जिससे की आगे बढ़ने के लिए शक्ति, प्रेरणा और लक्ष्य मिले। किस्मत भी उन्ही का साथ देती है जिनमे कुछ करने का साहस होता है।हर दिन एक जैसे नहीं होते। प्रकृति का नियम है की रात के बात दिन जरूर आता है। यहाँ कुछ भी स्थायी नहीं है। बुरे वक्त मे हमे भी सुख रूपी सुबह का खुशी-खुशी इंतजार करते रहना चाहिए जो हमारे लिए एक नयी ऊर्जा का निर्माण करती है।
दूसरों से तुलना करके अपने भाग्य को कोसने की बजाय अपनी अच्छी बुरी आदतों, कमजोरियों और ताकतों को परखें और हिम्मत न हारकर आगे बढ़ते रहे।मान लीजिए आपने कोई परीक्षा दिया हो आपका जब उस परीक्षा का परिणाम घोषित हो और आप उसमें असफल हो गयें तब दूसरे दिन या उसी दिन कहीं बाहर या दुकान पर कुछ काम से जा रहें हो और रास्ते में चार पाँच लोग आपके तरफ़ इसारा करते हुए अपने में आपके असफल होने का मजाक उड़ा रहे हैं तो उसके बातों को सुनकर अपने दिल से ले लेते हैं और आप पुरा दिन-रात उन्हीं लोगों के बारें में सोचते रहते हैं कि वो सब मेरा मजाक उड़ा रहे थे।
उस दिन आप पुरा समय यूँ ही उदास होकर बैठे-बैठे गुजार देते हैं। फिर दूसरे दिन भी आप कहीं जाते हो और आपका मजाक उड़ाने वाले ऐसे ही मिलते जाएंगे,आप कुछ आगे बढ़ने के बारें में या उस असफलता में मेरी गलती क्या हुई।इसे जानने के बजाय आप उन सब नाकारात्मक बातों को गौर करते जाएंगे और एक दिन ऐसा आएगा कि आप अवसाद यानी डिप्रेशन का शिकार बनते जाएंगे और आपको लगने लगेगा मैं किसी योग्य नहीं हूँ और आप सोचने लगते हैं कि मुझे अब जीवन जीना नहीं चाहिए आत्महत्या कर लेनी चाहिए।
जब तक आप उन सभी लोगों के नाकारात्मक बातों को अपने दिल से लेते रहेंगे तब तक आपका मन हमेशा दुःखी, उदास रहेंगे और आप कभी सफल नहीं हो पाएंगे। जो लोग आपके जीवित रहने पर आपके असफलता पर मजाक लेते हैं वो आपके आत्महत्या के बाद भी मजाक लेंगे कि वो हार मान कर वह मर गया इसलिए इन सब बातों पर मरना स्थगित करिये और आप उन व्यर्थ लोगों के बातों को अधिक दिल से न लेकर केवल असफलता में हुई गलती के सबब को ढूंढिए और उस पर अपना सारा ध्यान केंद्रित कीजिए।
आपको एक न एक दिन सफलता अवश्य मिलेगी।कहते हैं कि कमजोर तब रुकते जब वे थकते हैं और विजेता तब रुकते हैं जब वे जीत जाते हैं।हमे असफलता से कभी उदास नहीं होना चाहिए हर सफल व्यक्ति विफलताओं की सीढ़ियां चढ़कर सफलता की मंजिल प्राप्त करता हैं। असफलता को आप किस तरह से लेते हैं यह आप पर निर्भर करता है, क्योंकि हर असफलता आपको कुछ सिखाती है। असफलता में राह में मिलने वाली सीख को समझकर जो आगे बढ़ता जाता है वह सफलता को पा लेता है।
सफलता के लिए जितना जरूरी लक्ष्य और योजना है, उतना ही जरूरी असफलता का सामना करने की ताकत भी। जिस दिन आप तय करते हैं कि आपको सफलता पाना है, उसी दिन से अपने आपको असफलता का सामना करने के लिए तैयार कर लेना चाहिए, क्योंकि असफलता वह कसौटी है जिस पर आपको परखा जाता है कि आप सफलता के योग्य हैं या नहीं।जिस दिन आप सफल हो जाएंगे वही लोग जो आपका मजाक उड़ाते थे वही आपके खुशी में सर झुकाकर शरीक होने आएंगे।इसलिए दुनिया आपके बारे में क्या सोचती हैं ये ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है, जो आप अपने बारे में सोचते हैं वो ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।
一 बालानाथ राय
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