कोरोना वायरस / COVID-19 किसी देश के लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बहुत बड़ा संकट है।आज हमें एकजुट होकर इस समस्या के सन्दर्भ में जागरुक होना होगा। कोरोना वायरस के दुनिया भर में बढ़ते प्रकोपो को देखते हुए यह प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है कि इस ख़तरनाक वायरस का असर समाज में न फैले।इसके लिए सरकार द्वारा दियें गये आदेशों का पालन करना चाहिए।ऐसा ना करके हम स्वयं को तो ख़तरा में डालेंगे ही साथ में पुरे समाज को भी इस महामारी के मुँह में डालने का अपराध करेंगे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा कोरोना वायरस को वैश्विक महामारी घोषित किया जा चुका है, पुरा विश्व इस समय बहुत बड़े गम्भीर दौर से गुज़र रहा हैं। जब प्रथम व द्वितीय विश्वयुद्ध हुआ था तब भी इतने देश युद्ध में प्रभावित नहीं हुए थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी देश को एहतियात बरतने की नसीहत दी हैं।उन्होंने कहा हैं कि भारत के 130 करोड़ों लोगों ने कोरोना वायरस का डटकर मुकाबला किया है।बीते कुछ दिनों से ऐसा लग रहा है कि जैसा कि हम बचे हुए हैं, ऐसा लगता है कि हम निश्चिंत हो गए हैं लेकिन ऐसा सही नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा हैं कि कोरोना वायरस को लेकर बेफ़िक्र हो जाना सही नहीं है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा हैं कि उन्होंने जब भी देश से जो कुछ भी मांगा है लोगों ने उन्हें निराश नहीं किया है। प्रधानमंत्री ने कहा हैं कि वे आज सभी देशवासियों से कुछ मांगने आएं हैं। प्रधानमंत्री ने अपनी मांग बताते हुए कहा है कि मुझे आपका कुछ सप्ताह चाहिए, कुछ समय चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी तक कोराना वायरस का कोई इलाज़ नहीं मिल पाया है, न ही इसका वैक्सीन बन पाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हैं कि आज हमें ये संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे। पीएम ने कहा कि इस तरह की वैश्विक महामारी में, एक ही मंत्र काम करता है- हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ। ऐसी स्थिति में जब इस बीमारी की कोई दवा नहीं है तो हमारा खुद का स्वस्थ बने रहना सबसे बड़ी आवश्यकता है।भारत में इस महामारी से बचने के जो प्रयास किये जा रहें हैं उनकी सराहना पूरे विश्व में हो रही हैं।
कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर सार्क देशों ने विडियों कान्फ्रेंसिंग के जरिए इस महामारी से बचने के उपायों पर चर्चा की थी। सभी देशो ने इस मामलें में सभी देशों को हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया। प्रधानमंत्री के इस पहल से साबित होता है कि भारत ना सिर्फ़ अपनी धरती पर कोरोना का जंग लड़ने के लिए तत्पर हैं। बल्कि अपने आसपास के देशों को भी हर सम्भव मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के नाम अपना संदेश दिया की कोरोना वायरस से डरने की जरूरत नहीं है बल्कि सतर्कता बरतने की ज़रूरत है। लोग थोड़ी सी भी अगर सतर्कता बरतेंगे तो हम इस महामारी से जंग जीत लेंगे। विभिन्न देशों में इस वायरस को लेकर दिन-रात काफ़ी शोध किये जा रहें हैं उन सोधो से यह बात निकल करके सामने आई हैं कि नरम सतह पर कोरोना वायरस का दो दिन तक ज़िन्दा रहता हैं और कठोर सतह पर यह नौ दिन तक भी ज़िन्दा रह सकता हैं। इस हिसाब से वो हवा में यह तीन घण्टे से ज़्यादा और ताँबे व शीशा में इसकी मौजूदगी चार या पांच घण्टे से ज़्यादा देर तक नहीं हो सकती हैं।
आईये आज हम सब मिलकर संकल्प लें कि जनता कर्फ्यू में घर पर ही रहेंगे। आज ही नहीं बल्कि जब तक कोरोना वायरस समाप्त न हो जाए तब तक घर से बाहर ना निकले बहेद ज़रूरी काम हो तभी घर से बाहर निकलेंगे। ऐसा करने से हम स्वयं की रक्षा नहीं बल्कि अपने परिवार, समाज एवं राष्ट्र की रक्षा करेंगें। और हमे उन कर्मयों का भी उत्साहवर्धन जो अपनी जान जोखिम में डालकर हमें सुरक्षित रखें हुए हैं। इन लोगों में चिकित्सकों, एयरपोर्टकर्मी एवं पुलिस कर्मियों का जितना भी सराहना की जाए कम हैं। ऐसे में हम सब का नैतिक दायित्व बनता हैं कि इन जुझारू कर्तव्यनिष्ठ कर्मियों के सम्मान में आज शाम अपने घर पाँच बजे ताली व थाली अवश्य बजाए। जिससे कि उन कर्मियों का उत्साहवर्धन हो और हम सब एकजुट होकर दोगुने जोश के साथ कोरोना पर विजय प्राप्त कर सकें।
一 बालानाथ राय
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